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What Our Clients Say

अजय ब्रह्मात्मज

वरिष्ठ फिल्म समीक्षक, मुंबई

बिहार के गोलघर की याद दिलाता यह गुल्लक अनेक स्मृतियों को ताजा कर जाता है। इसमें बिहार मौजूद है। शुक्रिया योर हेरिटेज. आपने गोलघर को गुल्लक के रूप में परिणत किया.

अविनाश दास

फिल्म निर्देशक, हिंदी फिल्म उद्योग

उद्योग विभाग, बिहार सरकार से मान्यता प्राप्त यह स्टार्टअप बिहार के विरासत स्थलों के संरक्षण का संदेश देता है। अब तक जिन चीज़ों को तैयार किया गया है, उनमें गोलघर का गुल्लक, सम्राट अशोक, बुद्ध, चाणक्य, आर्यभट्ट आदि प्रमुख शख़्सियतों के खिलौने, रामपुरवा बुल कैपिटल, वैशाली अशोक स्तंभ का मिनिएचर, महाबोधि मंदिर की प्रतिकृति, नालंदा सील का मोमेंटो प्रमुख है।

शाहरुख खान

युवा फोटोग्राफर, बिहार

नालंदा विश्वविद्यालय, दुनिया की सबसे पहली यूनिवर्सिटी है। तक्षशिला गुरुकुल पद्धति वाला एक शहर था, लेकिन नालंदा आज के किसी संस्थान के विश्वविद्यालय बनने की जो योग्यता है उसको वो अपने स्थापना के समय से ही पूरा करता आ रहा है। तस्वीर में जो सील/मोहर देख रहे हैं वो हमारे पुराने कैंपस यानी जिसे आज नालंदा खंडहर के नाम से जाना जाता है, उसका है। अद्भुत।

शांभवी चौधरी

देश की सबसे युवा सांसद, समस्तीपुर संसदीय क्षेत्र

बिहार के युवाओं को अपनी विरासत के बारे में जानना-समझना बहुत ही आवश्यक है। इससे हमारा वर्तमान बेहतर होता है. नालंदा सील की यह प्रतिकृति हमें हमारी समृद्ध विरासत की याद दिलाता है. हमें उपहार में अपनी विरासत सामग्री साझा करनी चाहिए.

अभय कुमार सिंह

IAS, 2004 बैच। वर्तमान में सचिव, नगर विकास विभाग, बिहार

बिहार की विरासत अनमोल है। इसे प्रतिकृति के रूप में पेश करना एक सराहनीय कदम है। मेरी शुभकामनाएं।

संजय सिंह

वरिष्ठ पत्रकार और मोटिवेशनल स्पीकर।

रविराज पटेल

स्क्रिप्ट राइटर, बॉलीवुड

विकास कुमार

अभिनेता, बॉलीवुड

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